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Monday, January 25, 2016

एक आवाज़

कई बार सोचता हूँ ....लोग हमे किताबें पढ़ने को क्यों कहते हैं...जबकि किताबों में जो लिखा हैं ...वैसा करने पर वही लोग कहते हैं, "ऐसा सिर्फ किताबों में होता है।"

Friday, October 16, 2015

Original by Alfaaz_e_Ashutosh

“ किस्मत के दस्तूरों का खेल है ज़िन्दगी,
  खेलतें सब हैं, और उन्हें पता भी नहीं “
                 

“ एहसासों से मिलकर ही असली अल्फाज़ बनतें हैं,

वरना ज़िन्दगी और शब्दों से खेलना तो सबको आता है”