Tuesday, July 7, 2015

#dirty_politics

मैं बस हालही में एक व्यक्ति के इस एक वाक्य के विषय में की “ मुझे रात भर नींद नही आई” इस पर सिर्फ इतना कहूँगा की जनाब रात में नींद सिर्फ दो तरह के लोगो को ही नहीं आती है ....... पहले जिनहे गलती का असली पछतावा हो ....  दूसरे जिनके मन में चोर हो .........अगर आपको असल मायेनों में पछतावा होता तो शायद आपने ये गलती ही न होने दी होती ...क्यूकी जिस विभाग में ये सब हुआ ... वो खुद आपके अधीन था ....तो आप को बुरा लगा या पछतावा हुआ ये कहना तो आपका गलत हैं ...और अगर ये गलत है ...तो जाहीर है दूसरा विकल्प जरूर सही होगा।
मैं बस आज कल के नेताओं से बस इतना अनुरोध करुंगा की किसी की शहादत पर 10-20 लाख के मुआवजे की जगह अगर आप सिर्फ निष्पछ जाँच ही करवा दें तो जनता को और शायद पीड़ित परिवार को थोड़ा जायदा सुकून मिलेगा।

और एक बात और मैं इन लोगो को एक पुरानी फिल्म का एक गाना भी याद दिलाना चाहूँगा ....”ये public है जनाब, सब जानती हैं”