Tuesday, June 30, 2015

Perception ??

मनुष्य शायद इसी वजह से मनुष्य कहलाता है, क्यूंकी वो कई चीज़ों को कहे बिना समझ लेता है। पर कई बार, कई बार उसकी यही समझ बिना किसी तथ्य के बना ली जाती है या कहें तो सिर्फ कुछ पहलुओ को ध्यान में रख कर। और शायद यही अधूरी समझ ही “Perception” या “धारणा” कहलाती है।
                        मैं इसको अपने शब्दों में समझाने नही जा रहा ...क्यूंकी वो कुछ और नही बस मेरा एक perception ही हो शायद।
इसलिए मैं आपका मत जानना चाहता हूँ .........

किसी चीज़ का Perception ...सही है या गलत .....और आखिर क्या हद है किसी के भी अधूरी समझ की या फिर कहें “perception” या “धारणा” की ?   

Monday, June 29, 2015

‪#‎Freshly_Made‬

देश में politician की हालत PriyaGold Snakker की तरह हो गई है,
““ बिन खाये, रहा न जाए ”” 

Sunday, June 28, 2015

‪#‎self_written

““ अगर दिखता है अंधेरा मेरी खिड़कियों से झाँकने पर,
तो जरा पर्दे हटा लो,
कुछ मेरी खिड़कियों के, कुछ अपनी आंखो के ””

Friday, June 26, 2015

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“ऐसा ही है”

हौसलों को क्या ज़िंदा करना भला,
उनमे तो उनकी खुद की जान है,
कहाँ कोई टटोल पाता है, खुद को पूरी तरह,
जिसने ऐसा है किया, आज वही महान है।


किस्मत को जो मात दे पाये,
अभी वो मेहनत का ही विज्ञान है,
मंजिलों में चलने का बड़ा मन है,
पर इंसान सही राहों से अंजान है।




हमेशा से सुना है हमने,
जान है तो जहान है,
पर मौत को गले लगा के देखो,
उसकी भी अपनी खूबसूरती है,
जिससे दुनिया अंजान है।



सोच में उड़ान है, इरादों में जान है,
सपनों को अपने पंख दिये हैं,
अब अपनी यही पहचान है।





औरों का हो न हो,
पर खुद का पूरा ज्ञान है,
आज वक़्त को जाना है,
यहीं सबसे कीमती और मूल्यवान है।


असफलता से क्यूँ भागूँ,
सफलता तो इसी की देन है,
और इसी का परिणाम है,
गलतियों से सीखता है मनुष्य,
सफलता की राहों में ये एक वरदान हैं।





गलतियाँ करने से डरना कैसा भला,
यहीं देतीं अच्छे-भले का ज्ञान है,
प्यार भरी नजरों से देखो दुनिया को,
तभी समझ आएगा तुम्हें,



दुनिया में बाकी सब अच्छे हैं,
बस खुद को ही बदलने की देरी है,
उसके बाद हर कोई हसीन है,

और हर कोई गुणवान है।

“पहली मोहब्बत”

हाथों को छु के जिसने,
दिल को यूँ धड़काया था,
लफ्जों में अपने यूँ,
मुझकों कुछ उलझाया था,
तुझ जैसा कब बना मैं,
समझ नहीं पाया था,
हाँ, उसकी ही मुझमें इनयात है,
वो मेरी पहली, पहली मोहब्बत है।






थोड़ा भी साथ मेरे,
वो कहाँ चल पाया था,
छोड़ा जो साथ उसने,
मैं थोड़ा घबराया था,
आखों में मेरी आँसू,
उसकी यादों ने ही लाया था,
हाँ, उसके जाने की कहाँ शिकायत है,
वो मेरी पहली, पहली मोहब्बत है।






न जाने कहाँ है वो,
जिसने यूँ भरमाया था,
मेरी ही गलती थी जो,
उसको न समझाया था,
फिर से अब प्यार किया है,
फिर वो नज़र आया था,
हाँ, मुझे फिर जीने की इजाज़त है,
वो मेरी पहली, पहली मोहब्बत है,
वो मेरी पहली, पहली मोहब्बत है।