Friday, June 26, 2015

“ऐसा ही है”

हौसलों को क्या ज़िंदा करना भला,
उनमे तो उनकी खुद की जान है,
कहाँ कोई टटोल पाता है, खुद को पूरी तरह,
जिसने ऐसा है किया, आज वही महान है।


किस्मत को जो मात दे पाये,
अभी वो मेहनत का ही विज्ञान है,
मंजिलों में चलने का बड़ा मन है,
पर इंसान सही राहों से अंजान है।




हमेशा से सुना है हमने,
जान है तो जहान है,
पर मौत को गले लगा के देखो,
उसकी भी अपनी खूबसूरती है,
जिससे दुनिया अंजान है।



सोच में उड़ान है, इरादों में जान है,
सपनों को अपने पंख दिये हैं,
अब अपनी यही पहचान है।





औरों का हो न हो,
पर खुद का पूरा ज्ञान है,
आज वक़्त को जाना है,
यहीं सबसे कीमती और मूल्यवान है।


असफलता से क्यूँ भागूँ,
सफलता तो इसी की देन है,
और इसी का परिणाम है,
गलतियों से सीखता है मनुष्य,
सफलता की राहों में ये एक वरदान हैं।





गलतियाँ करने से डरना कैसा भला,
यहीं देतीं अच्छे-भले का ज्ञान है,
प्यार भरी नजरों से देखो दुनिया को,
तभी समझ आएगा तुम्हें,



दुनिया में बाकी सब अच्छे हैं,
बस खुद को ही बदलने की देरी है,
उसके बाद हर कोई हसीन है,

और हर कोई गुणवान है।

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